खेल पुरस्कार

राजीव गाँधी खेल रत्न  

राजीव गाँधी खेल रत्नभारत का खेल जगत् में दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। इस सम्मान का नाम पूर्व प्रधानमन्त्री राजीव गाँधी के नाम पर रखा गया। यह सम्मान 1991-92 में शुरू किया गया। खेल के क्षेत्र में सराहना और जागरूकता के लिए इस सम्मान की स्थापना की गयी थी। इसका उद्देश्य खिलाड़ियों को सम्मानित कर उनकी प्रतिष्ठा बढ़ाना है ताकि वे समाज में अधिक सम्मान प्राप्त कर सकें।

पुरस्कार राशि

इस सम्मान में एक पदक, सम्मान सहित एक प्रमाण पत्र और नक़द इनाम मिलता है। सन् 2004-05 तक, नक़द रुपयों की संख्या 5,00,000/- थी। अब यह संख्या 5,00,000 से बढ़ाकर 7,50,000 कर दी गयी है। राजीव गांधी खेल रत्न खिलाड़ी को प्रतिवर्ष दिया जाता है जिसमें उत्कृष्ट खेल प्रदर्शन के लिए व्यक्ति या दल को सम्मानित किया जाता है। भारत का राजीव गांधी खेल रत्न खेल में उपलब्धि के लिए मिलना सम्मान की बात है।

अर्जुन पुरस्कार

भारतसरकार द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार' से अलंकृत करने की पृथा का शुभारम्भ 1961 में किया गया था और ये पिछले तीन वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले और नेतृत्व, खेल भावना और अनुशासन जैसे गुणों का प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को दिया जाता है।इन पुरस्कारों का उद्देश्य खिलाड़ियों को पुरस्कृत कर उन्हें खेलकूद के प्रति और उत्साहित करना था।अर्जुन पुरस्कार में पुरस्कार स्वरूप पाँच लाख रुपये नकद और अर्जुन की कांस्य प्रतिमा, पारंपरिक पोशाक और एक 'प्रशस्ति पत्र' दिया जाता है।1961 में 19 खिलाड़ियों को, 1962 में 9 खिलाड़ियों को और उसके बाद तीन वर्षों तक 7-7 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।1965 के भारतीय एवरेस्ट विजेता दल को भी अर्जुन पुरस्कार से अलंकृत किया गया।1976 तक 224 खिलाड़ी इस पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं।हर साल अधिकतम 15 अर्जुन पुरस्कार दिये जाते हैं, लेकिन अर्जुन पुरस्कार 2010 के लिए कुल 19 खिलाड़ियों को यह सम्मान दिया गया।

द्रोणाचार्य पुरस्कार

द्रोणाचार्य पुरस्कार1985 में प्रारंभ किये गये थे। यह पुरस्कार खिलाड़ियों और टीमों को प्रशिक्षण प्रदान करने में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जाने माने खेल प्रशिक्षकों को प्रदान किये जाते हैं। द्रोणाचार्य पुरस्कार के अंतर्गत गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा, प्रमाणपत्र, पारंपरिक पोशाक और पाँच लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है। हर साल अधिकतम 5 खिलाड़ियों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

ध्यानचंद पुरस्कार 

ध्यानचंद पुरस्कारखेल-कूदमें जीवनभर आजीवन उपलब्धि के लिए 2002 में शुरू किया गया सर्वोच्च पुरस्कार है।

ध्यानचंद पुरस्कार महान् भारतीय हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद के नाम पर है.ध्यानचंद पुरस्कार अपने शानदार खेल में खेल-कूद के क्षेत्र में योगदान करने और सक्रिय खेल जीवन से अवकाश प्राप्त करने के बाद भी खेल-कूद को बढ़ावा देने के लिए योगदान जारी रखने के लिए दिया जाता है।ध्यानचंद पुरस्कार प्राप्त करने वालों को एक प्रतिमा, प्रमाणपत्र, पारंपरिक पोशाक और पाँच लाख रुपये नकद दिये जाते हैं।हर साल ज़्यादा से ज़्यादा तीन खिलाड़ियों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार  

राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार खिलाड़ियों और खेलप्रशिक्षकों के अलावा अन्य लोगों द्वारा खेल-कूद के विकास में योगदान करने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए दिया जाता है।इस पुरस्कार को सरकार द्वारा वर्ष 2009 से प्रारंभ किया है।राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार की चार श्रेणियाँ होती हैं जिनके नाम हैं:सामुदायिक खेल-कूद विकासउत्कृष्ट खेल अकादमियों को प्रोत्साहनप्रतिभाशाली खिलाड़ियों को सहायतारोज़गारप्रत्येक श्रेणी के अंतर्गत पुरस्कार के रूप में मानपत्र और ट्रॉफी प्रदान की जाती है।राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार में किसी प्रकार की नकद इनाम नहीं दिया जाता।

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